Merging with the Self: Kabir’s Path to Emancipation and Inner Joy
कबीर मन मिरतक भया, दुरबल भया शरीर । पाछे पाछे हरि फिरें, कहत कबीर कबीर ।। Meaning: When the mind ...
कबीर मन मिरतक भया, दुरबल भया शरीर । पाछे पाछे हरि फिरें, कहत कबीर कबीर ।। Meaning: When the mind ...